रोहित शर्मा की 7 सबसे यादगार पारीया | Rohit Sharma
रोहित शर्मा, एक ऐसा
कलाकारि बल्लेबाज जिसने अपने शानदार और सहज स्ट्रोकप्ले के साथ दुनिया के हर मैदान
में रंग जमाया है। आइए देखते हैं रोहित शर्मा की कुछ बेहतरीन पारियां जो उन्हें
पृथ्वी का सबसे कीमती बल्लेबाज बनाती हैं
209* - यह यकीन के साथ कह सकते है कि जब भी
रोहित शर्मा अपनी आत्मकथा लिखेन्गे तब वे वर्ष 2013 को याद
करते हुए अपने ज्याद से ज्यादा शब्द इन्हि साल पे खर्च करेंगे। यह रोहित शर्मा के
करियर का एक बेहतरिन वर्ष था; एक महत्वपूर्ण मोड़, जिसने उसे एक अधूरी प्रतिभा को तेज दौड़ में बदल दिया।
और, निस्संदेह वह 209 है जो उसने बैंगलोर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था, एक विशेष उल्लेख मिलेगा। यह 7 मैचों की श्रृंखला का
सीरीज़-निर्णायक था और रोहित का विराट कोहली के दुर्भाग्यपूर्ण रन-आउट में शामिल
होने के कारण भि, भारत को इस मुंबईकर से एक बड़ा स्कोर बनाने
की आवश्यकता थी, ताकि कुल मिलाकर एक संतुष्ट दौड पोस्ट किया
जा सके।
शर्मा ने 37 वें ओवर में
ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ पहले अपना शतक पूरा किया, और अगले
13 ओवरों में पूरी तरह से नरसंहार कर दिय। क्योंकि रोहित ने
वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक बनाने वाले तीसरे क्रिकेटर बन गये। रोहित ने
शेन वॉटसन द्वारा रचि हुइ एक पारी में सर्वाधिक छक्के (16) का
रिकॉर्ड भी तोड़ा।
भारत ने
6-383 रन बनाये और कहने की जरूरत नहीं है कि उन्होंने जेम्स फॉकनर के शानदार
शतक के बावजूद मैच और श्रृंखला जीती।
137- यह खेल हमेशा उस विवाद के लिए याद
किया जाएगा, जो रोहित शर्मा द्वारा 90
रन बनाकर वापस जा रहे थे और उन्हे वापस बुला लिया गय। रुबेल हुसैन ने फुल-टॉस में डीप मिड विकेट की
बाउंड्री पर आउट किया था, आइल गॉल्ड ने इसे नो-बॉल करार
दिया। रोहित ने 47 रन जोड़कर 137 कि
शानदार पारि खेली।
रोहित की पारी ऐसे समय में आई जब भारत किसी तरह
बेहररिन किक लगाने और अपनी शुरुआत को तीन अंकों के स्कोर में बदलने के लिए बेताब
था,
जिसके बाद गत चैंपियन 115 के स्कोर पर अपना
शीर्षके 3 बल्लेबाज गवा चुके थे। रोहित ने सुरेश रैना (65)
के साथ मिलकर एक बहुमूल्य 132-रन का स्टैंड
दिया।
भारत ने
अंततः 6-302 रन पोस्ट किए और 109 रनों के आरामदायक अंतर से खेल
जीत लिया।
122- रोहित 2019 विश्व
कप के दौरान बेहद ऊंचे फोर्म पर थे। भारतीय सलामी बल्लेबाज ने विश्व कप के एकल
संस्करण में पांच सैकडे बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
उस
विश्व कप में रोहित द्वारा बनाए गए प्रत्येक शतक का अपना एक अलग आकर्षण था,
लेकिन अगर उनकि एक पारी का चयन करना है तो वह दक्षिण अफ्रीका के
खिलाफ साउथेम्प्टन में खेलि हुइ एक तूफानी 122 * वाले मैच कि
है।
दक्षिण अफ्रीका ने केवल 227 रन बनाए थे, लेकिन भारत ने धवन (8) और विराट कोहली (18) जल्द हि खो दिय। इसका पुरा
श्रेय कगिसो रबाडा, एंडिले
फेहलुकवे और क्रिस मॉरिस को जाता है जिन्होने परिस्थितियोंको अपने अनुकूल बनाया और
उनका उपयोग करते हुए शिर्श के बालेबाज आउट कर दिये ,मेन इन
ब्लू को अब इन्हे शांत करने के लिए किसी की जरूरत थी। और, वही
जो रोहित ने किया। उन्होंने शुरू में अपनी किस्मत को सवार लिया, लेकिन जैसे ही वे सेट हुए,साउथेम्प्टन को अपने
शानदार स्ट्रोकप्ले के साथ से मनमुक्त करदिया। रोहित भारत के लिए 122 रन बनाकर नाबाद रहे, जो आखिर में भारत को छह विकेट
की आसान जीत मिलि।
150 - रोहित एक बार फिर अपनी
उ्च्तम फोर्म में थे जब 2015 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत का
दौरा किया। पहला वनडे कानपुर में खेला गया था जहाँ शर्मा ने एकदिवसीय क्रिकेट में
एक भारतीय द्वारा खेलि गयि कुछ सर्वश्रेस्त पारीयो मे से थी जो अंत में दिल तोडकर
समाप्त हो गयि।
5-303
का पीछा करते हुए, रोहित शर्मा ने 133
गेंदों पर 150 रनों की तूफानी पारी खेलकर भारत को जीत के लिए
मंच तैयार किया। ग्रीन पार्क के सभी कोनों में दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण को भटकाते
हुए शर्मा की पारी में 13 चौके और 6
छक्के लगे।
जब रोहित को आउट किया गया, तब तक एक भारतीय जीत एक औपचारिकता थी, लेकिन कैगिसो
रबाडा की अलग योजना थी। एमएस धोनी के खिलाफ आखिरी ओवर में रबाडा ने सफलतापूर्वक 11 रन देफेन्ड कर्ते हुए मैच दक्षिनआफ्रिका कि झोलि मे डाल दिया।
264 - एक ऐसी पारी जो हमेशा के लिए
इतिहास की किताबों में सबसे ऊपर है। 264 की फ्रिकिंग। 2014 में, रोहित शर्मा ने अचूक प्रदर्शन किया क्योंकि वह
एकदिवसीय मैच में 250+ स्कोर दर्ज करने वाले इतिहास में पहले
बल्लेबाज बन गए।
और, जो टीम श्रीलंका के रूप में अंतिम छोर पर थी। शर्मा ने २०१३ में
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ २० ९ के दौरान किए गए उसी खाके का अनुसरण किया।
264 के स्कोर के साथ शर्मा ने लंकाई गेंदबाजी
आक्रमण को ध्वस्त कर दिया और इसि के साथ रोहित को मैक्सिमम स्ट्राइक देकर रॉबिन
उथप्पा (16 गेंदों पर 16 रन) की
निस्वार्थता को भी नहीं भूलना चाहिए।
यह कहने
की जरूरत नहीं है कि भारत ने 153 रनों से खेल जीत लिया,
लेकिन उस मैच के प्रशंसकों के साथ हमेशा हेडलाइन बनी रहेगी,
'रोहित शर्मा ने श्रीलंका को 13 रनों से हराय।
श्रीलंका ने 251 रन
बनाये, विपरित केवल रोहित के व्यक्तिगत 264 की टैली भि नहि छु
सकि।
66- भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया। सीबी सीरीज 2008.
पहला फाइनल, सिडनी, एक
युवा रोहित शर्मा 240 रन का पीछा के दौरान 3-87 पर सिमटि भारतिय तिम को सम्भालने के लिये मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर
के साथ शामिल होकर क्रीज पर जाता है।
इसके
बाद क्या?
भारत के वर्तमान और भविष्य का आदर्श उदाहरण था, क्योंकि मास्टर और उनके विलक्षण सिलेक्टेड बाल्लेबाज ने 155 के स्टैंड के साथ मैच जित लिया। सचिन ने नाबाद 117
रनों की पारी खेली, जबकि रोहित ने बड़ी परिपक्वता दिखाते हुए
शानदार 66 रन बनाए, जिससे प्रशंसकों
में अलग हि उत्साह मच गया।
50* - उन्होंने भले ही शतक और दोहरे शतक बनाए
हों, लेकिन यह एक नये नवेले रोहित शर्मा की सर्वश्रेष्ठ पारी
हमेशा याद होगी, जो उन्होंने डरबन में सीलिंग ट्रैक पर शॉन
पोलक और मखाया नतिनी की मन पसंद विकेटो पे उन्के खिलफ बनाए थे, जो एक 2007 के टी 20 विश्व कप
में भारत ने जीता हुअ मैच था।
भारत ने 3-33 से सुरुवात
किया और जहा युवराज सिंह नहीं खेल रहे थे, रोहित शर्मा ने
एमएस धोनी के साथ मिलकर 20 ओवरों में 5-153 रन बनाए। भारत ने इस टोटल को देफेन्ड किया और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई
किय। अंततः खिताब जीता। लेकिन, जैसा कि पीछे देखते है और सोचता है- क्या यह सब संभव हो सकता था अगर रोहित
ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महत्वपूर्ण अर्धशतक नहीं बनाया होता? शायद ऩही।
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